धर्म

काफी प्राचीन है भगवान शिव का यह मंदिर, यहां श्री कष्ण ने की थी पूजा, हर सोमवार लगता है मेला

उत्तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ के खेरेश्वर धाम मंदिर में भगवान श्री कृष्ण ने पांडवों के साथ आकर शिवलिंग की पूजा की थी और हवन किया था. इसीलिए यह मंदिर सिद्ध पीठ के रूप में प्रसिद्ध हो गया. आज दूर-दूर से श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए यहां पर आते हैं. यह  मंदिर अलीगढ़ जिला मुख्यालय से करीब 13 किलोमीटर दूर खैर बाईपास पर खेरेश्वर चौराहा के पास बना है, जो श्रद्धालुओं की अपार श्रद्धा एवं भक्ति का केंद्र है.

खेरेश्वर धाम मंदिर एक ऐतिहासिक धर्मस्थल है. इस मंदिर का इतिहास द्वापर काल से जुड़ा हुआ है. बताया जाता है कि यहां भगवान श्री कृष्ण और दाऊजी महाराज स्वंय अपनी सेना के साथ आए थे. वे मथुरा से गंगा स्नान के लिए राजघाट जा रहे थे. इस दौरान उन्होंने इस मंदिर स्थल पर विश्राम किया था. कहा जाता है कि दाऊजी महाराज ने रास्ते में अपने हल की धुलाई की थी. इसी के चलते उस जगह को हलदुआ के नाम से जाना जाने लगा.

ब्रज की देहरी कहे जाने वाले अलीगढ़ का इतिहास पौराणिक कथा और कहानियों से भी जुड़ा हुआ है. साक्षात भगवान श्री कृष्ण के चरण अलीगढ़ की धरती पर पड़ चुके हैं. लोधा क्षेत्र में स्थित सिद्धपीठ खेरेश्वर धाम भगवान श्री कृष्ण अपने बड़े भाई बलराम के साथ आए हुए थे. पांडवों के साथ उन्होंने खेरेश्वर धाम स्थित शिव मंदिर पर हवन भी किया था, इसलिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खेरेश्वर धाम की मान्यता है और यहां कई प्रांतों के श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ और श्री बांके बिहारी जी के स्वरूप के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेते हैं. स्वामी हरिदास जी की कर्म स्थली के रूप में भी खेरेश्वर धाम को जाना जाता है.

मंदिर कमेटी के अध्यक्ष सतपाल सिंह ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण खेरेश्वर धाम में रुके थे. इसलिए धीरे धीरे खेरेश्वर धाम में भक्तों का आना शुरू हो गया. ऐसा भी बताया जाता है कि भगवान श्री कृष्ण ने पांडवों के साथ आकर उन्होंने शिवलिंग की पूजा की थी और हवन किया था, इसीलिए यह मंदिर सिद्ध पीठ के रूप में प्रसिद्ध हो गया.आज जिले भर के साथ ही दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा आदि जगहों से भी श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए यहां पर आते हैं. प्रत्येक सोमवार को मंदिर में विशाल मेला भी लगता है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button